धनु राशि के सामान्य गुण
भौतिक लक्षण धनु राशि
सुंदर, सुविकसित आकृति, बादामी आंखें, भूरे बाल, धनी और ऊंची भौंहें, लंबा चेहरा, लंबी नाक, सुंदर आकृति, चाल सीधी नहीं होती है। मोटे होंठ, नाक, कान और दांत।
अन्य गुण :
स्वतंत्र, दयालु, ईमानदार, भरोसेमंद, ईश्वर भक्त। चौकन्ने, अतीन्द्रिय ज्ञानयुक्त, बात की तह तक शीघ्र पहुंच जाते हैं। आंखें कमजोर हो सकती हैं, कुबड़ापन संभव है। न्यायप्रिय, स्पष्टवादी, परंपरावादी, व्यावसायिक दृष्टिकोण। कभी-कभी बेचैन और चिंतित हो जाते हैं। दोहरी मानसिकता, हरफनमौला, प्रत्येक विषय सीखने को इच्छुक, प्रसन्नचित्त रहते हैं। कानून का पालन करने वाले, अदालतों से दूर रहते हैं। सादे जीवन से प्रसन्न, समय के अनुसार अपने को ढाल लेते हैं। कला और काव्य के प्रेमी, सर्जनात्मक प्रतिमा के धनी। कानून का पालन करते हैं, अदालत के पचड़ों से दूर रहते हैं। पराविद्या और दर्शनशास्त्र में रुचि होती है।
खानपान और सेक्स में संयम बरतते हैं। कार्य में सफाई, सुव्यवस्था, क्रमबद्धता, अनुशासन और परिश्रम द्वारा सफलता प्राप्त करते हैं। आत्मविश्वास उत्तम होता है। हाथ के कार्य को अधूरा नहीं छोड़ते हैं। सरकार से सहयोग मिलता है, विरासत में जायदाद प्राप्त करते हैं।
संभाव्य रोग धनु राशि :
साइटिका, गठिया का दर्द, कूल्हे की हड्डी टूटना, गाउट, फेफड़ों की व्याधि आदि। अध्यापक, वक्ता, धर्मगुरु, न्यायाधीश, वकील आदि कार्यों में सफल होते हैं। 18 से 37 वर्ष की आयु के मध्य आर्थिक स्थिति उत्तम होती है। 38 से 47 वर्ष में घरेलू कष्ट रहता है। 61 से 69 वर्ष के दौरान संपन्नता रहती है।
अशुभ वर्ष धनु राशि :
2, 10, 18, 31, 38 एवं 42
वह स्थान जहां घोड़े, हाथी या रथ (मोटर कार) रखे जाते हैं। राजा का निवास, पाप राशि, पुरुष राशि, दिनबली, पृष्ठोदय, लम्बोतरा चेहरा और गर्दन, कान तथा नाक बड़े, अत्यधिक उदार, अच्छे दिल वाला, भौतिक संस्कृति को पसंद करने वाला, यात्रा-पसंद, ऊँची आवाज आदि लक्षण के होते हैं।
धनु राशि के उपयुक्त व्यवसाय
खेल, कानून, शिक्षा, शिक्षण, उपदेश, पेशे शैक्षणिक करने के लिए संबंधित
धनु राशि की मित्र राशि
कर्क, सिंह, वृश्चिक, मीन, मेष राशि
धनु राशि का तत्व
आग
धनु राशि का संबद्ध चक्र
स्वदिस्थाना